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मधुमेह BLOOD SUGAR डॉ आज़ाद से इलाज़ करवाने आए सारे मरीज़ हुए ठीक, सुनो 15000 मरीज़ ठीक होने का राज़

मधुमेह BLOOD SUGAR डॉ आज़ाद से इलाज़ करवाने आए सारे मरीज़ हुए ठीक, सुनो 15000 मरीज़ ठीक होने का राज़

 Diabetes BLOOD SUGAR All the patients who came to get treatment from Dr. Azad got cured, listen to the secret of recovery of 15000 patients

डॉक्टर साहब आप बोल रहे की माई दर्शको को कुछ मैसेज देना चाहता हूं जी निर्देशन हिंदी के सभी दर्शकों को एक बहुत ही सुखद संदेश देना चाहता हूं मधुमेह की आप लोग जो गोलियां खा रहे हो इंजेक्शन लगवा रहे हो या मधुमेह की वजह से दुख भोग रहे हो आपको इसकी जरूरत नहीं है। क्योंकि दुनिया में एक अयेसा विज्ञान जन्म ले चुका है जो यह पूरे कॉन्फिडेंस के साथ क्लेम करती है और उसको हमने ट्राई करके देखा और वह सौ प्रतिशत सत्य है कि इस शुगर के मरीजों को ना तो दवाइयां खाने की जरूरत है ना इंजेक्शन लगवाने की जरूरत है बिना दवाइयों के बिना जंक्शन के वह बीमारी मुक्त हो सकते हैं और दावा मुक्त हो सकते हैं तो यह नई साइंस जो आई है सभी दर्शकों को यह विनती है कि आप इस साइंस को अपना समझे इस को अपने आप भी कर सकते हैं कोई दिक्कत नहीं आपको बहुत सिंपल है हमने बहुत सी वीडियो दाल राखी है वहाँजी के साथ और भी डाल देंगे डिटेल में। इसकी डिटेल में भी डाल देंगे।

लेकिन आज तो सिर्फ एक संदेश है कि आप कृपया दवाइयां खाके या इंजेक्शन लगाकर अपनी सेहत खराब मत कीजिए। क्योंकि पूरी की पूरी जो साइंस है वह बदल चुकी है और आज यह बात साबित हो चुकी है प्रोव हो चुकी है कि जो लोग शुगर का इलाज मधुमेह का इलाज दवाइयों से करते हैं या इंजेक्शन से करते हैं वह अपने आप को नुकसान कर रहे हैं अपने पांव पर खुद कुल्हाड़ी मार रहे हैं कि वह एके तो बीमारी से बीमार है दूसरा दवाइयों से बीमार है और वह दवाइयां खाने की वजह से उनकी उम्र ऊल्टा कम हो रही है बड़ नहीं रही है जो ईस वेद से दवाइयां खा रहे हो कि शायद यह दवाइयां खाने से मैं शुगर के कॉम्प्लिकेशन से शुगर के जो जो मेरे अंगों पर अलग-अलग अंगों पर दुष्प्रभाव होने हैं उस से बच जाऊंगा ऐसा कुछ भी नहीं है शुगर की दवाइयां या टीके से सिर्फ रीडिंग कम होती है उसका इलाज नहीं होता जड़ वही की वही रहती है शुगर वही की वही रहती है शुगर आप के अलग-अलग अंगों को चाहे वह गुरदे हो या आपका हॉट हो या आपकी आंखें हो या आपकी टांगे हो पूरी की पूरी बॉडी, बॉडी का कोई ऐसा सेल्स नहीं है जो शुगर के दुष्प्रभाव से प्रभावित नहीं होता इसलिए शुगर ऐक बीमारी है ऐसी

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जो उसको दीमक की तरह चाट जाति है तो यह से दीमक से बचने के लिए हम को दवाइयां नहीं खानी हम को टीके नहीं लगवाने हमको अपने भोजन को बदलके अपनी लाइफ स्टाइल में कुछ चीज़े बदलके उसे ठीक करना है हम इसे संक्षेप में देते हैं, हम बहुत ही स्पष्ट रुप में कहते हैं कि शुगर के मरीज का शरीर बीमार नहीं है उसका भोजन बीमार है अब भोजन ठीक कीजिए शुगर साथ के साथ ठीक हो जाएगी तो भोजन में क्या कर रहे हैं हमको प्लांट बेस्ड होल फूड खाना है चाइना स्टडी का बहुत ऑनलाइन मैसेज है वह 500 पेज की बुक है उसका ऑनलाइन मैसेज प्लांट बेस्ड फूड के पौधों के अधारित सॉलिड फ़ूड मतलब जैसे वो नेचर मैं आते हैं जैसे वो खेतों से आते हैं उसको वैसे ही खाना है और उसमें हम कहते हैं कि 50%  कच्चा खाना है यह सिंपल तरीके का कुक किया हुआ खाना है घर में वो अगर खाना खाएंगे तो उसमें हम को गेहूं और चावल व्हाइट राइस, व्हाइट राइस को थोड़ा बहुत काम खाना और गेहूं को बिल्कुल नहीं खाना है और दूध का सेवन या तो बिल्कुल ही बंद कर दें थोड़ी देर के लिए शुगर है और बाद में दही वाली थोड़ी थोड़ी चीज़े ले सकती है और बादमे जब आप ठीक हो जाओगे जब तक आपकी शुगर के लिया दवाएँ चल रही हैदूध की बनी हुई चीज बंद कर दो ताकि दूध भी इस के जिम्मेदार है दूध और गेहूं को बंद करके जो बाजार की फास्ट फूड डिब्बाबंद फ़ूड बोटल बंद फ़ूड रेडीमेड फ़ूड ये सब नहीं खाना हैl घर का बना हुआ खाना दो बार खाना है तो दो बार खाई है तीन बार खाना तीन बार खाई बाकी दो तीन बार कच्चा खाई जो पका हुआ खाना उसके साथ चटनी खाई और अचार है कोई दिक्कत नहीं बस गेहू और दूध  को छोड़कर और पूरे का पूरा बढ़िया सा खाना खाइए .

नंबर दो पर जो दवा जो जो भोजन पाते हैं उसके साथ दवा पौधे हैं कुछ दवा पौधों जैसे हमारे घर में मसाले हैं वह बढ़िया से कुछ दवा पौधे जो यह अजवाइन जीरहा गिलोय जो आपकी अपनी ड्यूटी है मेहती है  ये बहुत सरे मेडिसिनल प्लांट है जो हमारे लिए बहुत महत्पूर्ण है, करेला है.

Q) डॉक्टर सब डरवुरुदा बहुत ही काम की चीज है 

A) बिलकुल डरवुरुदा ROबढ़िया है तो काफी साडी लिस्ट है जो वो डाली है हमने ग्रौपो में वीडियो में फूड प्लांट और मेडिकल प्लांट्स और तीसरा हो गया अपने बॉडी को स्ट्रांग करना है हमको भी कि नहीं होने देना अपनी बॉडी को अब बारिश हड्डियां भी तो होनी चाहिए मस्त होनी चाहिए और हमारे जॉइंट सीमेंट की लचक प्रॉपर होनी चाहिए और तीसरा यह हो गया और चौथा हो गया हमको कुछ जीवन की टिप्स सीखनी है जीवन की बहुत सारि टिप्स है जो हम और आप करलेंगे तो उसमे अच्छी तरह से सोना है पानी तरह का पीना है  पानी भी र ओ का पानी नहीं पीना है नेचुरल पानी पीना है या तो आप को नाल का पानी अच्छा तो नाल का पानी पियें नहीं तो फिर उसको लविंग वाटर बनाना हैं अल्कलाइन पानी बनाना वह पानी भी अच्छा चाहिए तो कुछ ऐसी ऐसी टेक्निक से योगा के कुछ टेक्निक सिखाते हैं हम लोग. तो यह पूरा उस के जो कॉम्प्लीकेशन्स है शुगर वो आखो के लिए बताते है या. पैरो के लिए बतातो है वो थोड़ी थोड़ी टिप्स है वो टिप्स भी हमारी ग्रुप्स में डाली हुए है तो ये पुरे का पूरा और चार नंबर पर टाइम मैनेजमेंट.  अपने मन को शांत नहीं होने देना अब अपने मन को तंदुरुस्त रखना है उसके लिए भी हमने मोटा मोटा बताते हैं कि कैसे अपने मन को तनाव से मुक्त रखने और. पांचवा हमको सीरियस कोई किसी डॉक्टर की हेल्प चाहिए हमको पहले उस डॉक्टर की हेल्प लेनी है जो सस्ता है और जो नुकसान नहीं करता  केमिकल दवाइयां खाने से इंजेक्शन एजेंसी में ले जा सकते हैं. अगर आप किसी एन एस एस एच ओ आर जी तौर पर जब भी एलोपैथिक दवाइयां लेने हैं तो यह सोच लेना कि हमने तब तक लेने जब तक हमारी तकलीफ ज्यादा बड़ी हुई है और उसका उसको उलघने का दर जयादा है उसके बाद उसको छोड़ देना उसके बाद फिर शिफ्ट कर देना होलिस्टिक प्रोटोकॉल के ऊपर उससे पहले नटुरापति कर सकते है या आयुर्वेदिक कर सकते हैं होम्योपैथिक कर सकते है अक्सूप्रेस्सशर कर सकते है तो यह होलिस्टिक वाला पूरा प्रोटोकॉल हम फॉलो कर के ये पुरे का पूरा प्रोटोकॉल फॉलो कर के किसी भी पेशेंट को हम हमारे १०० परसेंट पेशेंट वो रिवर्स हो रहे है हमारे इस प्रोटोकॉल से किसे को भी दवाई या टिका लेने की ज़रूरत नहीं है आप सब को फिर से विनती है के आप यह दवाइयां लेने वाला चालन बंद करें। क्योंकि आपको नुकसान कर रहे हैं। और अगर यह नॉलेज आसपास में मिल रहा है तो बहुत बढ़िया सिंपल से आपकी एक आद दवाई चलती है। तो अपने आप भी कर सकते हो। अगर आपकी ज्यादा दवाइयां चलती हैं बहुत ज्यादा बीमारियां तो फिर या तो आप अब किसी डॉक्टर की हेल्प ले ली जिए। अगर कोई अवेलेबल है तो आपके आसपास में  आपका कोई दोस्त होगा को रिश्तेदार होगा कोई कोई पारा मेडिकल वाला होगा जो इस चीज को मानता है वही करेगा क्योंकि जो मानता नहीं हो तो करो नहीं तो फिर आप हमारे सात तालमेल कीजिये।

हम को एक मिशन बनाना है की हम शुगर की दवाइयां नहीं खाएंगे वैक्सीन नहीं लगवायेगे न हमारे परिवार में। हमारे मोहल्ले में गांव में हमारे देश में हम शुगर मुक्त करना चाहते हैं। हम आने वाले एक दो दशकों में हम चाहते हैं कि हमारे देश में कोई भी शुगर का पेशेंट जो दवाइयां खा कर उसका इलाज ना करें वह अपने आपको अच्छा भोजन खाकर अच्छी लाइफ स्टाइल अडॉप्ट कर के दवा मुक्त और बीमारी मुक्त हो जाए।

 

     हमारे पास इलाज करवाकर पेशेंट ड्रग फ्री और डिजीज फ्री हो जाता है बस १० परसेंट पेशेंट अइसे है के ३ महीने से ज्यादा ले जाते है। बस इतनाही है वो भी अल्टीमेटली  ठीक हो जाते है। उनमे कोई ना कोई स्ट्रांग नेगेटिव फैक्टर होता है। या तो तनाव बहुत जयादा है।

 

     या. डॉक्टर सब मई ये पूछनेवाला था की तनाव कितना बड़ा फैक्टर है मधुमे को बढ़ाने के लिया?

     तनाव बहुत बड़ा फैक्टर है तनाव से मुक्त होने के लिए हम ये कोशिश कर रहे हैं कि हम अपने प्रोटोकॉल में बहुत सिंपल चीजें डालें और हम उसमें बहुत कामयाब हुए हैं।  हमें पेशेंट का फीडबैक मिल रहा है कि हम आपका यह तनाव मुक्ति वाला जो आप देते हो तरीका बताते हो यह करके हमारे मन का तनाव बहुत कम हो गया कई पेशेंट्स तो बहुत ही खुश हो जाते है और नाचते आते है कि डॉक्टर सब कमाल हो गया मुझे तो मेरा मन में बिल्कुल साफ है नेगेटिविटी जो मन में होती है नेगेटिव थॉट्स होते है वह स्ट्रेस क्रिएट करते है बहुत जल्दी फॉल कर जाते हैं। उसको महीना भी नहीं लगता महीना के अंदर फॉल कर जाते है हम उसके लिए भी धीरे धीरे  बहुत आसान तरीका अडॉप्ट कर लिया है जिन लोगो को स्ट्रेस है या स्क्रेटिंग की प्रॉब्लम जयादा है, डिप्रेशन के पेशेंट या एंग्जायटी के पेशेंट है। वोह भी हमारे साथ कांटेक्ट कर सकते है वह तरीके तो वंडरफुल है जिसको हम उसको डीप वैल्यू क्युरिंग कहते है। हम आप को स्वास लेनेकी विधि बतायेगे वो विधि आप को आर्डिनरी स्वास लेनेके बजाये हम जो तरीका बतायेगे उस तरीके से सांस लेने की थोड़ी ट्रेनिंग करनी है। उस ट्रेनिंग में आपको ज्यादा से ज्यादा 3-4 हफ्ते लगते हैं। आपकी बॉडी ट्रेन हो जाती है। उसी तरह से सांस लेने में जब भी आप के बॉडी ट्रैनेड हो गई तो कोई स्ट्रेस कोई काम नहीं कर सकता। वहां उम्र भी लंबी हो गी।

Q) 1 महीने से 3 महीने के बीच बीच 90% जो पेशेंट हो वह मधुमेह के ठीक हो जाएंगे

A) हां मधुमेह के पेशेंट ठीक हो जाते है हमारे ३ महीने से उप्पर सिर्फ 90% पेशेंट ठीक हो जाते है.

Q) दवाईया, इंजेक्शन वगैरा आप देते हो या फिर खाने पीने से सही हो जाता है

A) खाने पीने से देते है हर्बल ड्रग्स की हेल्प ले लेते है। हम थोड़ी से खाने पीने से थोड़ा सा फास्ट हो जाता है पेशेंट का कॉन्फिडेंस बाद जाता है की हां मुझे कुछ नहीं होगा के वहॉ थोड़ेसी जब वह एलॉपथी वाली छूट जाती है उसके १५ दिन बाद वह भी छूट जाती है.

Q. एक बार ही बन्दे को यहां पर आना पड़ेगा अगर बहुत ज्यादा प्रॉब्लम है तभी आना पड़ेगा ओथेरविसे

A) तीन बार एक से एक बार से लेकर 3 बार 3 बार से ज्यादा आने के लिए हमने एन्कोरगे नहीं करते पेशेंट को ना उनको आने की जरूरत पड़ती है लेकिन आते है हमारे पास 3 बार से ज्यादा वाले पेशेंट भी. लकिन वह पेशेंट्स आते है जो बहुत आस पास के है जिनको उंगली पढ़कर चलने की थोड़ी हब्बित हो जाती है कि हम तो उंगली पढ़ कर के ही चलेंगे तो फिर आते रहते हैं 5-6 बार भी लेकिन उसुअल्ल्य हमारे पेशेंट्स को ३ महीने के बाद बुलाते हैं हम लोग ३ महीने से जयादा बहुत काम पेशेंट्स को आना पड़ता है. 

تبصرے

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عہد بہمنیہ میں اُردو شاعری، ڈاکٹر سید چندا حسینی اکبر، گلبرگہ نیورسٹی گلبرگہ Urdu poetry in the Bahmani period

  عہد بہمنیہ میں اُردو شاعری  Urdu poetry in the Bahmani period                                                                                                 ڈاکٹر سید چندا حسینی اکبرؔ 9844707960   Dr. Syed Chanda Hussaini Akber Lecturer, Dept of Urdu, GUK              ریاست کرناٹک میں شہر گلبرگہ کو علمی و ادبی حیثیت سے ایک منفرد مقام حاصل ہے۔ جب ١٣٤٧ء میں حسن گنگو بہمنی نے سلطنت بہمیہ کی بنیاد رکھی تو اس شہر کو اپنا پائیہ تخت بنایا۔ اس لئے ہندوستان کی تاریخ میں اس شہر کی اپنی ایک انفرادیت ہے۔ گلبرگہ نہ صرف صوفیا کرام کا مسکن رہاہے بلکہ گنگاجمنی تہذیب اور شعروادب کا گہوارہ بھی رہاہے۔ جنوبی ہند کی تاریخ میں سرزمین گلبرگہ کو ہی یہ اولین اعزاز حاصل ہے کہ یہاں سے دین حق، نسان دوستی، مذہبی رواداری اور ایک مشترکہ تہذیب و تمدن کے آغاز کا سہرا بھی اسی کے سر ہے . ۔   Urdu poetry in the Bahmani period

فیض کے شعری مجموعوں کا اجمالی جائزہ

: محمدی بیگم، ریسرچ اسکالر،  شعبہ اردو و فارسی،گلبرگہ یونیورسٹی، گلبرگہ ’’نسخہ ہائے وفا‘‘ کو فیض کے مکمل کلیات قرار دیا جاسکتا ہے، جس میں ان کا سارا کلام اور سارے شعری مجموعوں کو یکجا کردیا گیا ہے، بلکہ ان کے آخری شعری مجموعہ ’’ مرے دل مرے مسافر‘‘ کے بعد کا کلام بھی اس میں شامل ہے۔  فیض ؔ کے شعری مجموعوں کی کُل تعداد ’’سات ‘‘ ہے، جن کے نام حسبِ ذیل ہیں:

اداریہ

  آداب !                   اُمید کہ آپ تمام خیریت سے ہوں گے۔ کورونا کی تیسری لہر کا خطرہ بھی ٹلتا ہوا نظر آرہاہے۔ زندگی کی گاڑی پٹری پر آتی ہوئی نظر آرہی ہے۔ اللہ کرے کہ ایسا ہی ہو۔ خیر یہ کورونا کی لہر یا کورونا کا بنایا ہوا جال تو دو سال سے چل رہاہے۔ لیکن کیا ہم صحت کو لے کر پہلے پریشان نہیں تھے؟ ہمارے گھروں میں ہمارے خاندانوں میں بیماریوں کا بھنڈار پڑا ہے۔ ہر کسی کو کچھ نا کچھ بیماری ہے۔ سردرد جیسے چھوٹی بیماری سے لے کر کینسر جیسے جان لیوا امراض   تک ہمارے خاندانوں میں ضرور پائے جاتی ہے۔                   عزیزان من!   کیا آپ نے سوچا ہے کہ یہ سب کیوں ہورہاہے۔اگر ہم   ہمارے آبا و اجداد کی زندگی پر نظر ڈالیں تو ہمیں کوئی بیماری نظر نہیں آتی۔ چند ایک کو چھوڑ کر جن کی عمریں زیادہ ہوئیں تھیں وہ بھی زیادہ بیڑی کا استعمال کرنے والوں کو پھیپھروں کا کچھ مسئلہ رہتا تھا وہ بھی جان لیوا نہیں ہوا کرتا تھا۔ بس زیادہ سے زیادہ کھانستے رہتے تھے۔ اور آخری دم تک کھانستے ہی رہتے تھے۔ ان کی عمریں سو یا سو کے آس پاس ہوا کرتی تھی۔                   کبھی کسی کو دل کا دورہ نہیں ہوا کرتا تھا اور